भारत
मानव जाति का पलना है, मानव-भाषा की जन्मस्थली है, इतिहास
की जननी है, पौराणिक कथाओं की दादी है, और
प्रथाओं की परदादी है। मानव इतिहास की हमारी सबसे कीमती और सबसे ज्ञान-गर्भित
सामग्री केवल भारत में ही संचित है। -
मार्क ट्वेन
लोक- मंच विशेष
लोक- मंच विशेष
मनोरंजन और जागरूकता का संगम: नाचा - नारायण लाल परमार
उदंती के आवरण पृष्ठ पर इस बार सुनीता वर्मा
का बनाया जलरंग से निर्मित चित्र प्रकाशित है। सुनीता वर्मा अपनी पेंटिंग्स के
माध्यम से रंग और प्रकृति के साथ पारंपरिक दृश्य एवं लोक जीवन को एक नया रूप तो
देती ही हैं साथ ही छत्तीसगढ़ की बेटी होने के नाते वे अपनी लोक संस्कृति के भी
बहुत करीब हैं यही वजह है कि उनके चित्रों में छत्तीसगढ़ का लोकजीवन झलकता है।
सुनीता को जलरंग ज्यादा पसंद हैं, उनके अनुसार यह बहता हुआ रंग है और प्रकृति के बहुत करीब भी। वे
संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ से मास्टर ऑफ फाइन आर्ट्स तथा वर्तमान में दिल्ली
पब्लिक स्कूल भिलाई में आर्ट टीचर के रुप में कार्यरत हैं।उनका पता है: 8-सी, सड़क नं. 76, सेक्टर-6, भिलाई- 490006, मो:09406422222
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