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Jan 15, 2020

उदंती.com, जनवरी 2020

वर्ष-12, अंक- 6


 नई किरन
- रामेश्वर काम्बोज हिमांशु

नई भोर की
नई किरन का
स्वागत कर लो!
आँखों में सब
आशाओं का
सागर भर लो!
भूलो, बिसरी बातें
दर्द-भारी अँधियारी रातें
शुभकामना की
देहरी पर
सूरज धर लो!
बैर-भाव मिट जाए
मन से, तन से
इस जीवन से,
जगे प्रेम नित
दु:ख सारी
दुनिया का हर लो!

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