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Jun 15, 2016

उदंती- जून- 2016

उदंती- जून- 2016
 पर्यावरण विशेष


फल के आने से वृक्ष झुक जाते हैं,
वर्षा के समय बादल झुक जाते हैं,
सम्पत्ति के समय सज्जन भी नम्र होते हैं।
परोपकारियों का स्वभाव ही ऐसा है।
                  - तुलसीदास




1 comment:

  1. सभी लेख बहुत अच्छे । अनुपम मिश्र जी का लेख उपयोगी तो है ही , साथ ही यह भी सन्देश देता है कि अपने पुराने तौर तरीकों को विकास की आँधी में न उड़ाएँ। सुशीला शिवराण के दोहे बहुत सार्थक हैं। सम्पादकीय सामयिक है और कूपमण्डूकता के प्रति सचेत करनेवाला अहि
    रामेश्वर काम्बोज

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