उदंती.com को आपका सहयोग निरंतर मिल रहा है। कृपया उदंती की रचनाओँ पर अपनी टिप्पणी पोस्ट करके हमें प्रोत्साहित करें। आपकी मौलिक रचनाओं का स्वागत है। धन्यवाद।

Jan 28, 2017

साल नया है

 साल नया है 

- प्राण शर्मा

ढोल बजाओ, धूम मचाओ साल नया है
चारों तरफ ही रंग जमाओ साल नया है
+
खुल कर यारो हँसो-हँसाओ साल नया है
चिंताओं से छुट्टी पाओ साल नया है
+
उससे क्या लेना-देना है अब जीवन में
यानी नफऱत दूर भगाओ साल नया है
+
आज के दिन भी मुँह को लटका बैठे हो
ठो, उत्सव मिलके मनाओ साल नया है
+
अपना, बेगाना हर कोई याद करेगा
मुँह मीठा ऐ प्राणकराओ साल नया है।

No comments: