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Jan 29, 2011

परदादा बनने की उम्र में पिता बनने का सुख

सोनीपत के खरखौदा निवासी रामजीत राघव को 94 वर्ष की उम्र में पिता बनने की खुशी मिली है। परदादा बनने की उम्र में रामजीत राघव जो हरियाणा सरकार की ओर से मिलने वाली बुजुर्ग पेंशन और मजदूरी के सहारे अपना परिवार चलाते हैं की पत्नी शकुंतला ने पिछले माह सरकारी हॉस्पिटल में एक बेटे को जन्म दिया।
हरियाणा सरकार के पेंशन रेकॉर्ड में रामजीत की उम्र 94 साल दर्ज है, जबकि शकुंतला की उम्र 50-55 साल है। उम्र को लेकर अपने दावे को पुख्ता करने के लिए रामजीत ने 1929 में फैली महामारी और भारत विभाजन के वक्त हुई सांप्रदायिक दंगों से जुड़ी जानकारी दी। रामजीत ने कहा कि वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बेगपुर गांव का रहने वाला है। 40 वर्ष पहले परिवार में हुई विवाद के बाद सोनीपत आकर रहने लगा । वे पहले सोनीपत में लोगों के घरों में काम किया करते थे, लेकिन बाद में खरखौदा में रहने लगे। पिछले 22 वर्ष से रामजीत खरखौदा में भजन बनिया के खेतों में काम करके अपना जीवन व्यापन कर रहे हैं।
खरखौदा के सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर ने बताया कि शकुंतला को पिछले माह हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था और उन्होंने नॉर्मल डिलिवरी में एक बच्चे को जन्म दिया। डाक्टरों के मुताबिक बच्चे की हालत समान्य है और वह स्वस्थ है। दम्पति इसे भगवान की देन मान रहे हैं इसलिए इसका नाम करमजीत रखा है। रामजीत राघव ने अपने लंबी उम्र का राज अपने खान पान और स्वस्थ्य दिनचर्या को बताया। उन्होंने कहा कि जवानी के दिनों में वे पहलवान थे और उनके रोजाना के आहार में तीन लीटर दूध, आधा किलो बादाम और आधा किलो घी शामिल था। इस उम्र में पिता बनने के बारे में डॉक्टरों का कहना है कि हालांकि संभावना से इनकार तो नहीं किया जा सकता लेकिन इसकी उम्मीद बहुत कम रहती है। इसी तरह राजस्थान के नानूराम जोगी ने भी 2007 में 90 साल की उम्र में 22 वें बच्चे के पिता बने थे। इस रिकॉर्ड को हरियाणा के 94 वर्षीय रामजीत राघव ने तोड़ दिया है।

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