बहुत दिनों बाद
गाँव गया
गाँव में जादू हो
गया
पहाड़, गायब हो गया
जंगल, खो गया
तालाब, खेल- मैदान हो गया
और खेल-मैदान में
महाविद्यालय पैदा
हो गया
गजब हो गया
गाँव में जादू हो
गया।
शमशान घाट,
गाँव के बीच आ गया
मीठा कुआँ,
रो-रोकर खारा हो गया
जगह-जगह हैंड पंप
उग आए
धर्मशाला,
शॉपिंग सेंटर बन गई
माता की मडिया,
विशाल मंदिर हो गई
गप्पू का चाट का
ठेला
रेस्टोरेंट बन गया
चरनोई में शादी घर
खुल गया
गजब हो गया
गांव में जादू हो
गया।
मैं अपने गाँव में
खूब घूमा
गाँव की निशानियाँ
तलाशी,
नहीं मिली
पूरे रास्ते किसी
ने
राम-राम भी नहीं की
सचमुच जादू हो गया
मेरा गाँव,
कितना बदल गया।
सम्पर्कः 90-91/1, यशोदा बिहार, चूना भट्टी, भोपाल, मध्य प्रदेश,
संदेश- 9406925564
1 comment:
बहुत-बहुत धन्यवाद रत्ना वर्मा जी। सुंदर प्रस्तुतीकरण,उत्कृष्ट रचनाएं।
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