डॉ. सुनीता वर्मा
उदंती के आवरण पृष्ठ पर इस बार प्रस्तुत है डॉ.
सुनीता वर्मा का बनाया एक तैल चित्र। चटख रंगों से कैनवास पर रंग बिखेरती सुनीता
किसी एक शैली में बंधी हुई चित्रकार नहीं हैं। मौसम के विभिन्न रंगों की तरह उनके
चित्रों में भी जीवन के विभिन्न रंग आकार लेते चलते हैं। उनके चित्रों में प्रकृति
की भरपूर झलक तो होती ही है, साथ
ही लोक-जीवन के विभिन्न रंगों की झलक उनके चित्रों में नजर आते हैं। कभी कभी उनके चित्रों का दार्शनिक अंदाज चौंका
देता है। संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ से फाइन आर्ट्स में पी.एच.डी. सुनीता, भिलाई छत्तीसगढ़ के दिल्ली पब्लिक
स्कूल में आर्ट टीचर के रुप में कार्यरत हैं।
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