
अगर औरत पर हाथ उठाए तो जालिम,
और पिट जाए तो बुजदिल,
औरत को किसी के साथ देख कर
लड़ाई करे तो जलिस,
चुप रहे तो बे-गैरत।
घर से बाहर रहे तो आवारा,
घर पर रहे तो नाकारा।
बच्चो को डांटे तो जालिम,
ना डांटे तो लापरवाह।
औरत को नौकरी से रोके तो शक्की मिजाज,
ना रोके तो बीवी की कमाई खाने वाला।
मां की माने तो मां का चमचा,
बीवी की सुने तो जोरू का गुलाम...
न जाने कब आएगा,
हैप्पी मेन्स डे।
और पिट जाए तो बुजदिल,
औरत को किसी के साथ देख कर
लड़ाई करे तो जलिस,
चुप रहे तो बे-गैरत।
घर से बाहर रहे तो आवारा,
घर पर रहे तो नाकारा।
बच्चो को डांटे तो जालिम,
ना डांटे तो लापरवाह।
औरत को नौकरी से रोके तो शक्की मिजाज,
ना रोके तो बीवी की कमाई खाने वाला।
मां की माने तो मां का चमचा,
बीवी की सुने तो जोरू का गुलाम...

न जाने कब आएगा,
हैप्पी मेन्स डे।
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