उदंती.com को आपका सहयोग निरंतर मिल रहा है। कृपया उदंती की रचनाओँ पर अपनी टिप्पणी पोस्ट करके हमें प्रोत्साहित करें। आपकी मौलिक रचनाओं का स्वागत है। धन्यवाद।

Aug 25, 2012

प्रेरक

 सत्य
यदि मैं तुम्हें यह बताऊँ कि ऐसा कुछ है जो तुम्हें व्याप्त किये हुए है।
तुम उसे देख नहीं सकते लेकिन वह तुम्हारे अस्तित्व के लिए परम आवश्यक है,
गुरु ने शिष्य से कहा, तो क्या तुम ऐसी किसी विषय-वस्तु के अस्तित्व पर विश्वास करोगे?
आप परमचेतना की बात कर रहे हैं, हैं न?, शिष्य ने कहा।
गुरु ने उत्तर दिया, नहीं। मैं ऑक्सीजन के बारे में बात कर रहा हूँ।
(www.hindizen.com से)

No comments: