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May 3, 2021

प्रेरकः मैं हर दिन कैसे प्रेरित रह सकता हूँ?

 

-निशांत

एक दिन सैर करते वक्त मैंने बिजली के तार पर दो चिड़ियाँ बैठी देखीं।

वे सुस्ता रही थीं। बातें कर रही थीं।

थोड़ा चहचहाने के बाद वे फुदककर एक-दूसरे से दूर हो गईं। उन्होंने एक-दूसरे को कुछेक बार मुड़-मुड़कर देखा। फिर अचानक से उन्होंने तारों से नीचे हवा में गोता-सा लगा लिया।

अपने पंखों को खोलकर उन्होंने मजबूत उड़ान भरी, और अपनी-अपनी दिशा को चली गईं।

चिड़ियाँ यही करती हैं। वे उड़ती हैं।

और कभी-कभार नीचे गिर जाने के खतरे के बावजूद चिड़ियाँ हर सुबह अपने आसरे से निकलकर उड़ने को तरजीह देती हैं। क्योंकि वे उड़ने के लिए ही बनी हैं।

एक बार खुली हवा में पहुँच जाने पर वे ऊपर उठती रहती हैं। आगे बढ़ती रहती हैं।

ठीक इसी तरह संसार की हर वस्तु चलायमान है। दुनिया अपनी गति से घूम रही है। जीवन एक सपना है, रोमांच है। यह किसी यात्रा की भांति है।

और हर बार ऊँची उड़ान भरने के पहले किसी बिजली के तार से नीचे गिरते वक्त यह खतरा बना होता है कि यह गिरकर नष्ट हो जाएगा।

मशहूर मोटिवेशनल लेखक टिम फेरिस के प्रशिक्षक जेरज़ी ग्रेगोरेक अक्सर यह बात कहते हैं:

मुश्किल निर्णय लेने से ज़िंदगी आसान बनती है। आसान निर्णय लेने से ज़िंदगी मुश्किल बनती है।

उड़ते रहना ही अगर आपके जीवन का उद्देश्य है, तो भी उड़ते रहने का निश्चय करना एक कठिन निर्णय है।

यह निर्णय आपको बार-बार लेना होता है;  लेकिन हर निर्णय के साथ संसार के विराट पैमाने पर जीवन सरल होता जाता है, क्योंकि आप अपने उद्देश्य से जुड़े रहते हैं।

यदि आप यह नहीं करेंगे, तो क्या करेंगे? कुछ नहीं करेंगे? शिकायतें करते रहेंगे? मृत्यु की प्रतीक्षा करते रहेंगे?

हम मनुष्य भी हमेशा अपने घोंसलों में नहीं रह सकते। हमें भी उसके बाहर छलांग लगाकर ऊँचे आसमान में उड़ना होगा। जीवन वही है।

बाहर निकल जाने पर जीवन बेहतर लगने लगता है। उड़ते वक्त जीवन के बेहतर होने का अहसास होता है।

आज आप जो कुछ भी कर रहे होंभले ही आप सुस्ता रहे हों या किसी से बातें कर रहे हों या मनोरंजन कर रहे हों या काम कर रहे हों या जीवन के बहाव में उसके साथ आगे बह रहे होंआप यह याद रखिए कि जीवन किसी भी समय आपको गोता लगवा सकता है, आपको किसी भी समय नीचे गिरने पर मजबूर कर सकता है। उस वक्त आपको सँभलने का मौका नहीं मिलेगा।

इसलिए वह समय जब आए तब घबराएँ नहीं,  हिचकिचाएँ नहीं। जीवन के कठिन हो जाने का रोना नहीं रोएँ।

छलाँग लगाएँ और अपने पंखों को पसारकर उड़ान भरने की कोशिश करें।

गिर जाएँ तो धूल झाड़कर फिर आगे बढ़ चलें।

आप उम्र भर बिजली के तार पर आराम से बैठने के लिए नहीं बने।

आप उड़ने के लिए बने हैं। (हिन्दी ज़ेन से)


1 comment:

Sudershan Ratnakar said...

हर बार की तरह प्रेरणादायी