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Apr 13, 2013
उदंती.com-अप्रैल 2013
उदंतीः अप्रैल 2013
शांति से बढ़कर कोई तप नहीं, संतोष से बढकर कोई सुख नहीं,
तृष्णा से बढ़कर कोई व्याधि नहीं और दया के समान कोई धर्म नहीं
- चाणक्य
अनकही
:
जल संकट की आहट..
-
डॉ. रत्ना वर्मा
संस्मरण:
आछे दिन पाछे गए.... -
अशोक भाटिया
स्वामी विवेकानंद
: चकमक पत्थर के समान
धरोहर:
तालाब- जल संसाधन और प्रबंधन की समृद्ध...
-राहुल सिंह
चिंतन:
जिस पथ जाएँ वीरअनेक
-शशि पाधा
जीव विज्ञान:
क्या प्रजातंत्र अन्य प्राणियों में भी होता है
-डॉ. वी. बालसुब्रमण्यम
ग्रामीण अर्थव्यवस्था:
समृद्धि से कोसो दूर हमारे गाँव
-राम शिवमूर्ति यादव
कालजयी कहानियाँ:
किस्सा कोताह
-से.रा.यात्री
व्यंग्य
:
पुन:पुन: भव..-
प्रेम जनमेजय
दो गज़लें:
दिल की गली, ग़मों की उम्र
-प्राण शर्मा
कविता:
मलाजखंड
-राकेश कुमार मालवीय
दो लघु कथाएँ:
रब करदा हैसो..., रोशनी
-मुरलीधर वैष्णव
हाइकु:
पीले पत्ते थे
,
शाख ने गिरा दिए
-
प्रियंका गुप्ता
पुस्तक:
बस्तर की लोकथाएँ- अनुकरणीय सद्प्रयास
-डॉ. कौशलेन्द्र मिश्र
आपके पत्र
/ मेल बॉक्स
कलाकार:
बल्ले पर बस्तर की लोक चित्र-कला
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