इस संकट की घड़ी में जहां कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा वहीं कुछ सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं।प्रकृति ने पर्यावरण को शुद्ध करने का स्वयं ही रास्ता दिखाया है।अब यह हम पर निर्भर करता है कि हम कितना चेतते हैं ,कितने सचेत होकर प्रकृति के इस रास्ते को अपनाते है. आपके विचार बहुत सुंदर हैं रत्ना जी।हार्दिक बधाई ।
उदंती का हर नया अंक निखार के साथ आ रहा है जिसका श्रेय सम्पादक महोदया को जाता है। उत्कृष्ट , विविध ,रोचक सामग्री का चुनाव इसकी विशेषता है। ज्ञानवर्धक,उपयोगी आलेख. स्तरीय कविताएँ ,लघुकथाएँ संस्मरण आदि से सुसज्जित अंक बेहद सुंदर एवं पठनीय है। हार्दिक बधाई रत्नाजी ।
3 comments:
इस संकट की घड़ी में जहां कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा वहीं कुछ सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं।प्रकृति ने पर्यावरण को शुद्ध करने का स्वयं ही रास्ता दिखाया है।अब यह हम पर निर्भर करता है कि हम कितना चेतते हैं ,कितने सचेत होकर प्रकृति के इस रास्ते को अपनाते है.
आपके विचार बहुत सुंदर हैं रत्ना जी।हार्दिक बधाई ।
शुक्रिया सुदर्शन जी 🙏
उदंती का हर नया अंक निखार के साथ आ रहा है जिसका श्रेय सम्पादक महोदया को जाता है। उत्कृष्ट , विविध ,रोचक सामग्री का चुनाव इसकी विशेषता है। ज्ञानवर्धक,उपयोगी आलेख. स्तरीय कविताएँ ,लघुकथाएँ संस्मरण आदि से सुसज्जित अंक बेहद सुंदर एवं पठनीय है। हार्दिक बधाई रत्नाजी ।
Post a Comment