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Aug 1, 2025

उदंती.com, अगस्त - 2025

वर्ष -18, अंक - 1


कोई रंग नहीं होता बारिश के पानी का, 

लेकिन जब बरसता है,

 सारे ब्रम्हांड को रंगीन बना देता है।  


इस अंक में

अनकहीः सिर्फ एक स्कूल भवन नहीं गिरा, पूरी व्यवस्था ढह गई - डॉ. रत्ना वर्मा

शौर्य गाथाः कैप्टन केशव पाधा के जज्बे को सलाम  - शशि पाधा

आलेखः देश विभाजन की त्रासदी - प्रमोद भार्गव

लघु संस्मरणः वास्तविक शिक्षण - जैस्मिन जोविअल

रेखाचित्रः भेरूदादा - ज्योति जैन

कविताः सच्चा दुभाषिया - निर्देश निधि

हाइबनः नदी का दर्द - डॉ. सुरंगमा यादव

साक्षात्कारः प्रेरणा देती हैं विज्ञान कथाएँ - डॉ. जयंत नार्लीकर - चक्रेश जैन

लघुकथाः कुछ नहीं खरीदा  - सुदर्शन रत्नाकर

हाइकुः मेघ चंचल  - रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’

जीव-जगतः कुदरत को सँवारती तितलियाँ - डॉ. पीयूष गोयल

क्षणिकाएँ-  1. बताना ज़रा...  - हरकीरत हीर

चार लघुकथाएँ-  1. पगड़ी की आख़िरी गाँठ....  - जयप्रकाश मानस

प्रेरकः आपन तेज सम्हारो आपे  - प्रियंका गुप्ता

तीन बाल कविताएँ-  1.बोझ करो कम... - प्रभुदयाल श्रीवास्तव

व्यंग्यः श्रद्धांजलि की बढ़ती सभाएँ  - अख़्तर अली

कविताः रूठ गईं हैं फुर्सतें - निर्देश निधि

कहानीः सौगात  - सुमन कुमावत

कविताः आँखों की बातें - अंजू निगम

किताबेंः अक्षरलीला- लघु छंद में विराट अनुभूति - रश्मि विभा त्रिपाठी

जीवन दर्शनः डॉ. अब्दुल कलाम: मानवता की मिसाल - विजय जोशी

2 comments:

  1. सशक्त अंक, सभी स्तम्भ अपनी उपयोगिता को प्रमाणित करते हैं । संपादक जी एवं टीम को बधाई। शुभकामनाएँ।

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    1. शुक्रिया सोनी जी। हमारी हमेशा कोशिश होती है कि आप सबके प्रोत्साहन और सहयोग से एक बेहतर अंक दे सकें।

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