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Aug 1, 2025

कविताः आँखों की बातें

 - अंजू निगम

कुछ आँखों में 

कभी शाम नहीं उतरती

और कुछ आँखों से 

हमेशा रात लिपटी रहती है

सुनो न ऐ जिन्दगी 

तुमने क्यों भर दिया

कुछ आँखों में आषाढ़ का महीना 

या क्यों नहीं टूटती

कुछ आँखों से पूस की रात 

मैं तुमसे बात करूँगी ज़िन्दगी

जब कभी मिलूँगी किसी नुक्कड़ पर

अच्छा लगेगा जब देखूँगी

इन आँखों में खिलते बसंत के फूलों को।


1 comment:

  1. मार्मिक कविता, बधाई अंजू निगम जी

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