उदंती.com को आपका सहयोग निरंतर मिल रहा है। कृपया उदंती की रचनाओँ पर अपनी टिप्पणी पोस्ट करके हमें प्रोत्साहित करें। आपकी मौलिक रचनाओं का स्वागत है। धन्यवाद।

Jan 1, 2023

उदंती.com, जनवरी 2023

वर्ष- 15, अंक- 5

मुड़-मुड़कर क्या देखना, पीछे उड़ती धूल ।

फूलों की खेती करो, हट जाएँगे शूल ।। 

                             - रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’

इस अंक में 

अनकहीः नया साल, नया दिन, नया संकल्प  - डॉ. रत्ना वर्मा

आलेखः मकर संक्रांति- भारतीय संस्कृति में सूर्य - प्रमोद भार्गव

दोहेः सुबह सुहानी धूप - शील कौशिक

धरोहरः सिरपुर में है विश्व का सबसे बड़ा बौद्ध विहार - डॉ. रत्ना वर्मा

संस्मरणः पचासी पतझड़ - निर्देश निधि

चोकाः मैं सूरज हूँ - रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’

आलेखः युवा भारत का अमृत महोत्सव - डॉ. जेन्नी शबनम

बाल कहानीः दादा जी की नसीहतें - पवित्रा अग्रवाल

कहानीः अजनबी - प्रियंका गुप्ता  

तीन लघुकथाएँः वर्तमान का दंश, खूबसूरत, पहेली - डॉ . सुषमा गुप्ता

कविताः दुआ का पौधा  - रश्मि विभा त्रिपाठी

दो लघुकथाएँः 1. पपेट शो, 2.देवो भवः - दीपाली ठाकुर

बाल कविताः खुद सूरज बन जाओ न - प्रभुदयाल श्रीवास्तव

व्यंग्यः भैया जी - शंकर लाल माहेश्वरी

कविताः हो उदय अब सूर्य कोई - मीनाक्षी शर्मा ‘मनस्वी’

आलेखः मनुष्यता का विचार देने वाले स्वामी विवेकानंद - प्रमोद भार्गव

जीवन दर्शनः माटी कहे कुम्हार से: निर्णय से नियति - विजय जोशी

No comments: