उदंती.com

Nov 1, 2024

उदंती.com, नवम्बर- 2024

 वर्ष- 17, अंक- 4

शुभ दीपावली

आओ अँधकार मिटाने का हुनर सीखें हम

कि वजूद अपना बनाने का हुनर सीखें हम

रोशनी और बढ़े, और उजाला फैले

दीप से दीप जलाने का हुनर सीखें हम

- शाहिद मिर्ज़ा शाहिद

इस अंक में

अनकहीः गाँव की बात... -डॉ.  रत्ना वर्मा

आदरांजलिः रतन टाटा - संवेदनशीलता का सफ़रनामा - विजय जोशी

पर्व- संस्कृतिः कैसे करें माँ लक्ष्मी की आराधना - रविन्द्र गिन्नौरे

कविताः अँधियार ढल कर ही रहेगा - गोपालदास ‘नीरज’

जीव जगतः हिमालय के रंग- बिरंगे मैगपाई - डॉ. डी. बालसुब्रमण्यन, सुशील चंदानी

धरोहरः रहस्यमयी लेपाक्षी मन्दिर - अपर्णा विश्वनाथ

प्रेरकः सपने  सच  होंगे - निशांत

कहानीः आशंका - डॉ. परदेशीराम वर्मा

कविताः रातों रात बदल गई नीयत... - सुधा राजा

व्यंग्यः देखने का नया उपकरण - गिरीश पंकज

नवगीतः महानगर - रमेश गौतम

लघुकथाएँः 1. लौह-द्वार, 2. अपराधी, 3. असभ्य नगर  - रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ 

संस्मरणः आह से वाह होने लगी ज़िंदगी - कृष्णा वर्मा

कविताः बनाये घर - डॉ. शैलजा सक्सेना

किताबेंः ...सम्यक मूल्यांकन ‘अपने अपने देवधर’ - डॉ. राघवेंद्र कुमार दुबे

वन्य जीवनः ...प्रकृति को अक्षुण्ण बनाए रखने की कला - सीताराम गुप्ता

लघुकथाः अनावरण, 2. तरकीब - उपमा शर्मा

कविताः तुम यहीं  कहीं हो  - शुभ्रा मिश्रा

पर्यावरणः ग्लोबल वार्मिंग से लड़ने काष्ठ तिज़ोरियाँ

4 comments:

  1. बेहद संतुलित और उम्दा अंक, मनभावन परिशिष्ट, भरपूर ज्ञानवर्धक सामग्री के साथ इस अंक की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।
    सभी रचनाकारों को बधाई।
    सभी पाठकों सहित इसकी पूरी टीम को शुभ दीपावली।

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    1. आपका बहुत बहुत धन्यवाद और आभार रमेश जी l मुझे बहुत खुशी होती है कि आप udanti.com से नियमित जुड़े हुए हैं l आप पत्रिका के एक सजग पाठक हैं l आपकी टिप्पणी हमेशा हमारा उत्साहवर्धन करती है l

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  2. Anonymous01 November

    Sanjo rakhne jaisa ank hai UDANTI

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  3. टिप्पणी के लिए आपका धन्यवाद महोदयl टिप्पणी करते समय यदि वहीं बॉक्स के बाजू में ही google में अपना नाम रजिस्टर्ड कर लेंगे तो Anonymous की जगह आपका नाम दिखाई देगा इसके अभाव में हम आपका नाम जान ही नहीं पाते l

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