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Nov 17, 2018
उदंती.com नवम्बर- दिसम्बर 2018
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नवम्बर- दिसम्बर 2018
क्या घड़ी थी, एक भी चिंता नहीं थी पास आई...
कालिमा तो दूर, छाया भी पलक पर थी न छाई।
- हरिवंश राय बच्चन
अनकहीः
दिये की रोशनी और पटाखे...
-
डॉ. रत्ना वर्मा
निबंधः
दिया टिमटिमा रहा है
-विद्यानिवास मिश्र
आलेखः
संवेदना
-सन्तोष तिवारी
गीतः
एक दीपक तुम जलाना
-
रामेश्वर काम्बोज
‘
हिमांशु
’
कहानीः
खरोंच
-सुकेश साहनी
व्यंग्यः
यमराज की डायरी का पन्ना
-विजय विक्रान्त
कविताः
प्रेमदीप बन जाना
- डॉ. कविता भट्ट
वन्य जीवनः
भारत में गिनती के...बाघ
-प्रमोद भार्गव
पर्यावरणः
पेड़
- धर्म निरपेक्ष
...
-डॉ.
डी.
बालसुब्रमण्यन
स्वास्थ्यः
दाल की खाली होती कटोरी
-भारत डोगरा
ग़ज़लः
जलता रहा
-
ऋतु
कौशिक
कविताः
माँ दीप सी, दीवाली मना ले
-
सपना मांगलिक
रेखाचित्रः
गुलाम साबिर
-निर्देश निधि
कविताः
ज्योति दुर्गा जब तू होगी
-डॉ. ओमप्रकाश गुप्ता
कविताः
पिता और मैं
-आरती स्मित
ग़ज़लः
कौन चढाता है हमें
-सुशील यादव
ग़ज़लः
राह दिखाता रहा
-सलिल सरोज
लघु कथाः
१.स्पीड २. चुग्गा
-रोचिका शर्मा
लघुकथाः
१.
नई दृष्टि
२.नवसृजन
-अनघा
खोजः
माया सभ्यता में चॉकलेट एक मुद्रा थी
प्रे
रकः
सोशल मीडिया के साथ सबसे...
-
निशांत मिश्रा
जीवन दर्शनः
प्रेरणा लें हर एक से
-विजय जोशी
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