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Aug 15, 2017
उदंती.com अगस्त-2017
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अगस्त-2017
हर वर्ष एक बुरी आदत को मूल से खोदकर
,
फेंका जाए तो कुछ ही
वर्षों में बुरे से बुरा
,
व्यक्ति भला हो सकता है।
- सुकरात
अनकही:
आज़ादी और आम आदमी
-
रत्ना वर्मा
कितना सर्जन
,
कितना विसर्जन:
महासागर तक पहुँचने की शिक्षा-अनुपम मिश्र
आजादी का गीत:
राष्ट्रगीत के सम्मान में न्यायालय का निर्णय -लोकेन्द्र सिंह
पर्व-संस्कृति:
भादो का महीना औरछत्तीसगढ़ का तीजा-पोला -सुशील भोले
प्रकृति:
पंछियों की दुनिया से... -दीपाली शुक्ला
कहानी:
मोलाना -शहादत
प्रेरक:
मानवता का सबक -निशांत मिश्रा
लघुकथा:
1.लड़ाई,2.हरेक में -खलील जिब्रान (अनुवाद: सुकेश साहनी)
टेक्नॉलॉजी:
आप जो सोच रहे हैं वह टाइप हो जाएगा!! -सुबोध जोशी
हास्य व्यंग्य:
मंगल ग्रह पर पानी -सुशील यादव
पर्यावरण:
कैसे हो रहा है जलप्रदूषण -राजेश कुमार काम्बोज
कविता:
बस इन्सान बनना है -डॉ. पूर्णिमा राय
जीवन दर्शन:
1.
दिल बड़ा करिये
, 2.
प्यार करना सीखें... -विजय जोशी
प्राकृतिक आपदा:
बचाव की पूर्व तैयारी -भारत डोगरा
न काहू से दोस्ती..
क्यूँ...मन माँगे मोर -साधना मदान
कविता:
तुझे जाना बहुत दूर है -अबुज़ैद अंसारी
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