उदन्ती. com, अक्तुबर 2020 ,वर्ष- 12, अंक- 3
दूसरों के जीवन में शामिल होना और दूसरों को अपने जीवन में शामिल करना ही संस्कृति है। - दादा धर्माधिकारी
पर्व संस्कृति
दीपोत्सव पर कुछ कविताएँ - 1-उजाले,2-द्वारे दीपक जलाए रखना,3-जलते ही जाना, 4-हर देहरी पर- रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ 5-हरेक कोने से -रश्मि शर्मा
महात्मा गाँधी – १५०वीं जयंती
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