उदंती.com

Jun 5, 2021

उदंती.com, जून- 2021

चित्रः संदीप राशिनकर
 वर्ष- 13, अंक- 10

कोरे काग पर लिखे, क्यों तू दुख की आँच।

दुख का सुख अनुवाद हो, ऐसे जीवन बाँच।।

जाता सूरज दे गया, एक दीप को काम।

आऊँगा मैं भोर में, जलना रात तमाम।।

                                     -अनिता मण्डा

इस अंक में

अनकहीः प्रकृति की चेतावनी -डॉ. रत्ना वर्मा

आलेखः गाती है प्रकृति -डॉ. महेश परिमल

डायरीः दुनिया को प्यार ही बचा सकता है -डॉ. सुषमा गुप्ता

आलेखः दुःख की गठरी -अरुण शेखर

त्राटककर्मः तनाव एवं अवसाद निवारण हेतु एक श्रेष्ठ योगाभ्यास -डॉ. कविता भट्ट

श्रद्धांजलिः सुंदरलाल बहुगुणा: पर्यावरण व वन संरक्षक -भारत डोगरा

पर्यावरणः नीतियों में बदलाव और जैव-विविधता - प्रो. माधव गाडगिल

पर्यावरणः पुराणों में वृक्ष लगाने की विधि -गोवर्धन यादव

कोरोनाः विज्ञान की उपेक्षा की मानवीय कीमत

स्वास्थ्यः काली फफूँद का कहर -डॉ. भोलेश्वर दुबे, डॉ. किशोर पवार

कहानीः 80  का  प्रवेश द्वार -सुधा भार्गव

पुस्तक: जापानी काव्य-शैलियों की विशिष्ट कृति-  ‘तीसरा पहर’ -डॉ. शिवजी श्रीवास्तव

जीवन दर्शनः मानस में नारी महिमा और तुलसीदास -विजय जोशी

लघुकथाः लड़ाई - रमेश बतरा

लघुकथाः लास्ट स्ट्रोक - पूनम सिंह

दो कविता: झरे हुए फूल, तौल  -जसवीर त्यागी 

कविताः सूरज -प्रियदर्शी खैरा

ग़ज़लः पत्थर -अशोक अंजुम

आवरण पृष्ठ के चित्रकार संदीप राशिनकर

कविताः  सुबह का आभास तो है -संदीप राशिनकर

6 comments:

  1. बहुत सुन्दर अंक, मेरे आलेख को भी स्थान प्रदान करने हेतु हार्दिक आभार सम्पादिका आदरणीया डॉ रत्ना वर्मा जी का। सभी साथियों को हार्दिक बधाई

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  2. बहुत सुंदर पठनीय अन्क। आ. रत्ना वर्मा जी एवम सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।

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  3. मोहक आवरण के साथ सुंदर अंक।

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  4. प्रत्येक अंक की भांति सुंदर अंक,मेरी समीक्षा प्रकाशित करने हेतु हार्दिक आभार।

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  5. आकर्षक आवरण के साथ बहुत सुंदर अंक।सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।

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  6. बहुत प्यारा आवरण, सुंदर अंक, समस्त रचनाकारों को हार्दिक बधाई💐

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