उदंती.com

Feb 1, 2022

उदंती. com, फरवरी 2022

वर्ष-14, अंक – 6

हर तरफ नव पल्लवन है, पुष्प हर्षित।

राग वासन्ती भ्रमर के साथ गुंजित।

स्वर्णमुख, स्वर्णिम धरा, रस से भरी है।

यह ॠतु क्यों आज कुछ पीताम्बरी है।

        -गिरीश पंकज


इस अंक में

अनकहीः शोर मत करो देवता तपस्या में लीन हैं - डॉ. रत्ना वर्मा

प्रकाश प्रदूषणः ज़रूरी है अँधेरा भी जीवन के लिए  - निर्देश निधि

आलेखः हिन्दू पाठ्यक्रम की सुखद शुरूआत - प्रमोद भार्गव

कविताः सरस्वती वंदना - श्याम सुन्दर श्रीवास्तव ‘कोमल

आधुनिक बोध कथाएँ - 2  चोर चोर चोर  - सूरज प्रकाश

कविताः देश - मूल ओड़िआ रचना- श्री रक्षक नायक, अनुवाद -अनिमा दास

प्रकृतिः अफ्रीका के सबसे मशहूर पेड़ की उम्र – स्रोत फीचर्स

कविताः धूप, हवा, सूरज, और कोहरा - डॉ. सुधा गुप्ता

निबंधः वसंत आ गया है - हजारी प्रसाद द्विवेदी

संस्मरणः परछाइयाँ यादों की - सुदर्शन रत्नाकर

कविताः बसंत अकेले ना आना - डॉ. महिमा श्रीवास्तव

प्रेरकः धरती पर पैर धरो धीरे – निशांत

हाइकुः कोहरा पाला शीत   -  रमेश कुमार सोनी

कहानीः अनागत - आशा पाराशर

कविताः ज्ञानदायिनी माता मेरी नैया पार लगा दो - डॉ. कमलेन्द्रकुमार श्रीवास्तव

तीन लघुकथाएँ: 1. पहाड़, 2. हरसिंगार, 3. मगरमच्छ – हरभगवान चावला

व्यंग्यः चोरी होना कवि- प्रिया की कार का - यशवंत कोठारी

ग़ज़लः मेरा सूरज तो कभी ढलता नहीं  - धर्मेन्द्र गुप्त

जीवन दर्शनः पौराणिक की प्रासंगिकता - विजय जोशी

7 comments:

  1. बेहतरीन अंक, सभी रचनाओं में गुरुत्व है।
    बधाई।

    ReplyDelete
  2. बहुत ही सुंदर अंक। संपादक डा रत्ना वर्मा सहित सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई तथा शुभकामनाएं।

    ReplyDelete
  3. बहुत बढ़िया अंक...सम्पादक रत्ना वर्मा जी और सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।

    ReplyDelete
  4. अत्यंत सुंदर अंक... सम्पादक आद.डॉ.रत्ना जी एवं सभी प्रबुद्ध रचनकारों को हृदय से बधाई 🌹🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹

    ReplyDelete
  5. हर अंक की भाँति महत्त्वपूर्ण अंक।रचनाओं का चयन उत्कृष्ट है,प्रत्येक रचना प्रभावित करती है।समस्त रचनाकारों एवं रत्ना जी को हार्दिक बधाई।

    ReplyDelete
  6. अत्यंत सुंदर

    ReplyDelete
  7. मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार । सुंदर अंक है ।

    ReplyDelete