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Sep 1, 2024

ग़ज़लः ख़ुदा भी उसको खुला आसमान देता है

  - मीनाक्षी शर्मा ‘मनस्वी’


जो अपनी फिक्र को, ऊँची उड़ान देता है

ख़ुदा भी उसको, खुला आसमान देता है।

 

जो देखे आइने को, दिल के अपने साफ़ करके;

उन्हीं के अक्स को, मुकम्मल पयाम देता है।

 

ख़्वाहिशें, बंदगी तमाम, चलके देखें तो;

हो जहाँ रूह वहीं पर, आराम देता है।

 

टूटते तारों से कब तक, दुआ हम माँगेंगे ?

बुलंद करके ख़ुदी को, पैगाम देता है।

 

जले है लौ कि जब तलक, है तेल बाती में; 

कि खौफ़ को क्यों  'मनस्वी' स्थान देता है।

-Ph_8604634044, email- meenakshishiv8@gmail.com


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