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Sep 1, 2023

प्रेरकः चाय के कप

  - निशांत

वर्षों पहले एक ही कॉलेज में एक ही कक्षा में एक साथ पढ़ने वाले पाँच युवक अब अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में स्थापित हो चुके थे। वे अपनी कक्षा की री-यूनियन में मिलने के लिए एकत्र हुए। उन सभी ने यह तय किया कि वे अपने पुराने प्रोफ़ेसर से मिलने जायेंगे जो अपनी कक्षा में हमेशा ही उन्हें ज़िंदगी के ज़रूरी सबक बताते थे।

वे सभी प्रोफ़ेसर के घर गए। प्रोफ़ेसर भी अपने इतने सारे प्रिय शिष्यों से मिलकर बहुत खुश थे। सभी ने अपने जीवन की घटनाओं को बाँटना शुरू किया। ज्यादातर युवक अब प्रौढ़ हो चुके थे और उनके जीवन में अनेक व्यक्तिगत, नौकरीपेशा या कारोबारी समस्याएँ थी। एक दूसरे की तनावग्रस्त और मुश्किल ज़िंदगी का हाल सुनकर खुशनुमा माहौल खामोश उदासी में बदल गया।

उन सबके वर्तमान जीवन की उलझनों को सुनने के बीच ही प्रोफेसर ने स्वयं उठकर उनके लिए चाय बनाई। प्रोफेसर बड़ी सी प्लेट में एक केतली में चाय और आठ-दस खाली कप लेकर रसोईघर से आए। प्लेट में रखे सारे खाली कप एक जैसे नहीं थे। उनमें मिट्टी के कुल्हड़ से लेकर साधारण चीनी मिट्टी के कप, चाँदी की परत चढ़े कप, काँच, धातु, और क्रिस्टल के सुन्दर कप शामिल थे। कुछ कप बहुत सादे और अनगढ़ थे और कुछ बहुत अलंकृत और सुरुचिपूर्ण थे। निश्चित ही उनमें कुछ कप बहुत सस्ते और कुछ राजसी थे।

प्रोफ़ेसर ने अपने ग्लास में चाय ली और सभी शिष्यों से कहा कि वे भी अपने लिए चाय ले लें। जब सभी चाय पीने में मशगूल थे तब प्रोफ़ेसर ने उनसे कहा –“बच्चो!, क्या तुम सभी ने इस बात पर ध्यान दिया कि तुम सभी ने महँगे और दिखावटी कप में चाय परोसी और प्लेट में सस्ते और सादे कप ही बचे रह गए? शायद तुम्हारे इस चुनाव का सम्बन्ध तुम्हारे जीवन में चल रहे तनाव और तकलीफों से भी है। क्या तुम इस बात से इंकार कर सकते हो कि कप के बदल जाने से चाय की गुणवत्ता और स्वाद प्रभावित नहीं होती। तुम्हें चाय का जायका और लज्ज़त चाहिए लेकिन अवचेतन में तुम सबने दिखावटी कप ही चुने।”

“ज़िंदगी इस चाय की तरह है। नौकरी-कारोबार, घर-परिवार, पैसा और सामाजिक स्थिति कप के जैसे हैं। इनसे तुम्हारी ज़िंदगी की असलियत और उसकी उत्कृष्टता का पता नहीं चलता। जीवन के उपहार तो सर्वत्र मुफ्त ही उपलब्ध हैं, यह तुमपर ही निर्भर करता है कि तुम उन्हें कैसे पात्र में ग्रहण करना चाहते हो।” (हिन्दी ज़ेन से) ■■

1 comment:

  1. Anonymous03 September

    बहुत ही प्रेरणा दायक आज की सच्चाई से रूबरू कराती रचना।

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