- डॉ. कमलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव
राजू भैया जब बाहर से,
घर में आते हैं।
‘ठंडा पानी जल्दी
दे दो’,
यह चिल्लाते हैं।।
लू से पीड़ित नन्ही
चिड़िया,
जब गिर जाती है।
जल में चोंच डुबो दो
उसकी,
जीवन पाती है ।।
पानी जीवन का आधार है,
है पते की बात ।
पल- पल हम पानी को
चाहें,
चाहे दिन हो रात ।।
कहते हैं चेन्नई हमारा,
जल संकट में है ।
भूगर्भ जल खत्म हो गया,
जन संकट में है ।।
खूब करो मत दोहन इसका,
मेरे प्यारे राम ।
जीवन अपना तभी सुरक्षित
पूरे होंगे काम ।।
सम्पर्कः रावगंज, कालपी, जालौन, उ.प्र.
सहज और सुंदर बालगीत।
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