उदंती.com

Aug 1, 2021

उदंती.com, अगस्त -2021

वर्ष- 13, अंक- 12

एक देश जो अपनी मिट्टी को खत्म कर देता है वह अपने आप को नष्ट कर देता है। जंगल हमारे जमीन के फेफड़े है, वे हमारी हवा को शुद्ध करते है और लोगों को नयी उर्जा देते है।
                      -फ्रैंकलिन रूजवेल्ट

अनकहीः बन्दे तू कर बन्दगी... डॉ. रत्ना वर्मा

आलेखः कोविड-19:   स्कूल खोलना कितना सुरक्षित - स्रोत फीचर्स

अध्ययनः दीर्घ कोविड से जुड़े चार अहम सवाल - स्रोत फीचर्स

उपचारः  एँटीबॉडी युक्त नेज़ल स्प्रे बचाएगा कोविड से

भूली बिसरीः  ऐ मेरे वतन के लोगो... -देवमणि पांडेय

कविता: पढ़ना चाहता हूँ, परिंदें, कविता मेरे लिए, नदी  -सुभाष नीरव

कहानीः पुराना मित्र -डॉ. कुँवर दिनेश सिंह

व्यंग्यः आइए हाइजैक करें! -रामेश्वर काम्बोज हिमांशु

ताँकाः ले उड़ान जी भर -डॉ. सुधा गुप्ता

तीन हाइबन 1. दीवार का मन, 2. आषाड़, 3. गुलमोहर -अनिता मंडा

संस्मरणः गुज़ारिश  -प्रीति गोविन्दराज

आलेखः राजस्थान के रणवीर -शंकर लाल माहेश्वरी

कविताः दूर ब्याही बेटियाँ  -अंजू खरबंदा  

लघुकथाः आसमान हरभगवान चावला

किताबेंः मानवीय अनुभूतियों का आकाश -डॉ. शील कौशिक

लघुकथाः जापानी गुड़िया -डॉ. महिमा श्रीवास्तव

जीवन दर्शनः सुख : साधन, समाधान एवं स्वाद -विजय जोशी

3 comments:

  1. बहुत सुंदर अंक ।
    मेरी कविता 'दूर ब्याही बेटियाँ' को स्थान देने के लिए
    संपादक महोदय का हृदयतल से आभार

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  2. बहुत बढ़िया अंक बना है, भिन्न-भिन्न रचनाओं के रंग से इस अंक की सुंदरता सहज ही बढ़ गई है। संपादकीय टीम को हार्दिक बधाई।

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  3. प्रेरित करता सम्पादकीय,विषयों की विविधता के साथ निखरते हुए उत्कृष्ट अंक के लिए सम्पादक मंडल को हार्दिक बधाई।

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