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Feb 1, 2021

दो मुक्तक


-गुंजन अग्रवाल 

1.

हो न कठपुतली न केवल वोट वाला यन्त्र हो।

आदमी हो आदमी सद्भाव इसका मन्त्र हो।

गूँज वन्देमातरं की  गूँजती हरपल रहे-

तब सफल सच मायनों में ये दिवस गणतंत्र हो।

2.

अभिव्यक्ति की आजादी हैलेकिन इतना ध्यान रखो।

भारत माँ की आन-बान और सबसे ऊपर शान रखो।

तू- तू ,मैंमैं हाथापाई आपस में कर लो जितना-

भारत में गर रहना तुमको संविधान का मान रखो।

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