उदंती.com

Feb 23, 2018

सच्चे योद्धा की भाँति

सच्चे योद्धा की भाँति
-बिभा कुमारी
समय देती है,
हर प्रश्न का उत्तर,
किन्तु धैर्य !
इसकी भी तो,
एक सीमा है.......
अपनी प्रत्यास्थता के आखिरी बिन्दु पर,
पहुँचकर,
खंडित सा होने लगता है धैर्य,
अभीष्ट समय की,
प्रतीक्षा में,
यह घड़ी,
जो वस्तुतः है,
प्रतीक्षा की घड़ी,
बन जाती है,
परीक्षा की घड़ी।
अपने अस्तित्व-रक्षार्थ,
कर्मभूमि में,
डटे रहना पड़ता है,
निरंतर उसी प्रकार,
जिस प्रकार,
एक सच्चे योद्धा को,
युद्धभूमि में।

No comments:

Post a Comment