उदंती.com

Feb 21, 2013

प्यार


प्यार
 
- रश्मि प्रभा
प्यार में .... हाँ हाँ प्यार में
कोई जेनेरेशन गैप नहीं
प्यार जो करता है
वह आज भी आग का दरिया पार करता है
सूरज का गोला हाथ में लिये कहता है
लो छू लो इसे- यही ख्वाहिश थी न तुम्हारी....
शीतल जल में पाँव डाले सिर्फ मैं
विस्मित लिए देखता है आग का दरिया
उसमें से निकलता प्यार
हाथ में सूरज का गोला
और कहता है- पागल ही हो तुम!
और सूरज का गोला नहीं छूना
वह तो मैंने यूँ हीं कहा ....
हाथ जल जायेंगे!...
मैं बुद्धिजीवी की तरह कहता है
आग का दरिया पार करना व्यावहारिकता नहीं
देखो अपना चेहरा... कितने धब्बे हो गए
कितना भी कर लो अब ये दाग नहीं जाएँगे
और तुम्हें पता है न- मुझे दाग पसंद नहीं....
प्यार सिकुड़ता जाता है
अकेले में खुद को समझाता है
चलो कोई नहीं- मैं प्यार तो हूँ न!
प्यार!!!
संपर्क: brahma emerald county, B- 2, FLAT- 901, NIBM road, Pune- 411048, Mo. 09371022446, rasprabha@gmail.com

1 comment:

  1. बहुत उत्कृष्ट प्रस्तुति...

    ReplyDelete