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Dec 3, 2025
उदंती.com, दिसम्बर - 2025
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वर्ष - 18, अंक - 5 कुछ भी नया करने में संकोच मत करो, ये मत सोचो हार होगी। हार तो कभी नहीं होती, या तो जीत मिलेगी या फिर सीख। ...
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अनकहीः AI के नए दौर में आज के युवा...
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-डॉ. रत्ना वर्मा आज हम एक ऐसे मोड़ पर खड़े हैं , जहाँ तकनीक , विशेषकर ‘ कृत्रिम बुद्धिमत्ता ’ ( AI) हमारे काम-काज , शिक्षा , रोजगार और ...
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आलेखः बस्तर में अंतिम साँसे गिनता नक्सलवाद
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- प्रमोद भार्गव छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश की सीमा पर हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने शीर्ष माओवादी क्रूर हिंसा के प्रतीक बन चुके हिड़मा क...
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प्रेरकः डगलस बेडर से मिलिए - लोग फेल क्यों होते हैं ?
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सितंबर 1945 में अपने नकली पैर को उठाकर विमान में प्रवेश करते डगलस बेडर - निशांत डगलस रॉयल एयर फ़ोर्स में पायलट था। 1931 में हवा में अपने ...
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पर्यावरणः क्या हम समय रहते हिमालय को बचा पाएँगे?
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- कविता भारद्वाज हिमालय पर्वत शृंखला दुनिया की सबसे नवीन और नाज़ुक पर्वत शृंखलाओं में से एक है लेकिन हम उसके साथ ऐसे बर्ताव करते हैं जैसे ...
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विज्ञानः डीएनए संरचना के सूत्रधार वॉटसन नहीं रहे
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मशहूर वैज्ञानिक जेम्स वॉटसन का निधन 6 नवंबर के दिन 97 साल की उम्र में हो गया। उन्होंने 1953 में फ्रांसिस क्रिक के साथ मिलकर डीऑक्सी रायबोन...
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शौर्य गाथाः श्यामल देव गोस्वामी - जिसने मौत को दी, दो बार मात
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- हरी राम यादव दुनिया में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपने काम से ऐसा नाम कर जाते हैं, जो कि एक इतिहास बन जाता है और यह इतिहास आने वाली पी...
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श्रद्धा सुमनः पद्मश्री ऐड गुरु पीयूष पांडे - छोड़ गए सबकी जुबान पर अपनी लिखी पंक्तियाँ
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- सपना सी.पी. साहू 'स्वप्निल' भारतीय विज्ञापन जगत के दिग्गज ऐड गुरु या कहे विज्ञापन जगत के पितृपुरुष पीयूष पांडे के निधन का समाचार...
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कविताः टूट रही है डोर
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- कृष्णा वर्मा कई बार बाँधने का प्रयास किया मन के आवारा पैरों को लेकिन दिल है कि टिकने ही नहीं देता सतत भटकाता है दिशा-दिशा मासूम मन बड़ी ता...
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जीवन- दर्शनः न दु:ख शाश्वत है, न सुख, दुःख जाएगा, तभी आएगा सुख
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- डॉ. महेश परिमल यह सच है कि दुःख बहुत सताता है, पर सच मानो, जीने का सच्चा अर्थ समझाता भी यही है। हम लगातार न तो अंधेरे में रह सकते हैं और...
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आलेखः देश का आभूषण है संस्कृति
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- शीला मिश्रा हम जिस देश में रहते हैं उसकी सबसे छोटी व सशक्त इकाई है परिवार। इस इकाई में रचे- बसे-पुष्पित-पल्लवित संस्कार ही समाज की सं...
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