सदुपयोग

उसे खुद पर गुस्सा आया कि उसने पहले ध्यान क्यों नहीं दिया, फिर वह सोचने लगा कि उसका उपयोग कैसे किया जाए।
मालिक, पांच दिन की छुट्टी चाहिए, गांव जाना है, मां बहुत बीमार है। घरेलू नौकर की आवाज ने उसका ध्यान भंग किया।
हूं... तुमको मालूम है कि मैं नियम का बिल्कुल पक्का हूं। और तुम इस साल की सभी छुट्टियां ले चुके हो।
मालिक, मां बहुत बीमार है, चल-फिर नहीं सकती- ऐसा गांव का आदमी बता रहा था। मां घर में बिल्कुल अकेली रहती है। मेरा जाना बहुत जरूरी है। नौकर ने उसके पैर दबाते हुए कहा।
अच्छा, ला, बीड़ी- माचिस दे और दो मिनट सोचने दे।
बीड़ी के दो-तीन कश लेने के बाद उसने अचानक अपने नौकर से कहा, ला, अपनी बाईं हथेली दिखा।
नौकर ने हथेली सामने की और उसने उसकी पांचों उंगलियों पर जलती हुई बीड़ी को एक-एक बार रख दिया।
नौकर दर्द से कराह उठा।
मालिक ने मलहम की वही ट्यूब देते हुए उससे कहा, इसको लगा लेना। चार-पांच दिनों में बिलकुल ठीक हो जाएगा। तब तक तेरी छुट्टी। जा...।
समय चक्र
सुधा अपनी नौकरानी और पास- पड़ोस की महिलाओं को अक्सर यह बताती थी कि जमाना बदल गया है... बकरी, गाय, कुतिया जैसे जानवर ही अपने बच्चों को दूध पिलाते हैं। सुविधा, व्यवस्था और पैसा हो तो बच्चे को अपना दूध पिलाकर कमजोर क्यों हों और फिगर भी क्यों खराब करें!
25 वर्ष बाद बच्चा सोच रहा था कि खून खरीदने को पैसा हो, तो अपना खून मम्मी को देकर कौन कमजोरी मोल ले!
पैसा था, सुविधा भी थी, पर मुश्किल यह हुई कि काफी खोजने के बाद भी जरूरत का खून नहीं मिला। और इस बीच...
25 वर्ष बाद बच्चा सोच रहा था कि खून खरीदने को पैसा हो, तो अपना खून मम्मी को देकर कौन कमजोरी मोल ले!
पैसा था, सुविधा भी थी, पर मुश्किल यह हुई कि काफी खोजने के बाद भी जरूरत का खून नहीं मिला। और इस बीच...
दो रुपए के अखबार
मार्निंग वाक के बाद रोज की तरह बाहर दरवाजे पर अखबार पढ़ते लालू से टहलने निकले रिटायर्ड प्रोफेसर सतीश शर्मा ने पूछा, बेटे लालू, अविश्वास प्रस्ताव का क्या हुआ?
एमबीए कर रहे शंकर ने लेफ्ट- राइट करते हुए पूछा, मेरे लायक कोई वैकेंसी निकली है क्या?
धीरे- धीरे दौड़ते रमेश ने पूछा, आज क्या नंबर आया है?
कालेज की छात्रा सीमा ने थोड़ा रुककर पूछा, भैया लालू, कौन- सी फिल्म रिलीज हुई है?
कालोनी की महिला शीलू ने पास आकर पूछा, लालू बेटा, जरा देखकर बताना, सोने का क्या भाव चल रहा है?
लालू सोच रहा था- दो रुपए के अखबार ने मुझे खास बना दिया है!
एमबीए कर रहे शंकर ने लेफ्ट- राइट करते हुए पूछा, मेरे लायक कोई वैकेंसी निकली है क्या?
धीरे- धीरे दौड़ते रमेश ने पूछा, आज क्या नंबर आया है?
कालेज की छात्रा सीमा ने थोड़ा रुककर पूछा, भैया लालू, कौन- सी फिल्म रिलीज हुई है?
कालोनी की महिला शीलू ने पास आकर पूछा, लालू बेटा, जरा देखकर बताना, सोने का क्या भाव चल रहा है?
लालू सोच रहा था- दो रुपए के अखबार ने मुझे खास बना दिया है!
मेरे बारे में
31 दिसंबर, 1948 को जन्म, सेवानिवृत्त प्राचार्य, व्यंग्य, गीत, लघुकथाएं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। 40 वर्षों से लेखन से जुड़ा हुआ हूं। पहला लघुकथा संग्रह प्रकाशनाधीन। संपर्क: डा. बख्शी मार्ग, खैरागढ़-491881,
जिला: राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) मो. 08815241149
जिला: राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) मो. 08815241149
Email- ggbalkrishna@gmail.com
'sadaupyog 'to kuch jami nahin par 'samay chakra' bahut achchi hai .
ReplyDeletepavitra agrawal
सदुपयोग । दुरुपयोग ।
ReplyDeleteदो रुपए का अखबार ।बहुत सहज रूप में लिखी लघुकथा है ।
ReplyDeleteआप दोनों को बहुत बहुत धन्यवाद
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