
- रश्मि प्रभा
मैं नन्हा गाँधी
इस बार कोई सत्याग्रह नहीं करूँगा
अपनी पदयात्रा भी अकेले करूँगा
परायों से युद्ध जटिल होकर भी आसान था
पर अपने घर में ...
बाल सुलभ हठ हर उम्र में एक सुख देता है
पर जब अपने षडय़ंत्र करते हैं
एक दूजे को नीचा दिखाने का
हर संभव प्रयास करते हैं
तो भूख यूँ ही मर जाती है ...
फिर कैसा अनशन
और किससे क्या पाना।
जो मद के गुमां में होते हैं
उनके लिए तो प्रेम ही वर्जित है ...
न घर न देश .... सिर्फ मैं
तो इस मैं का हश्र मैं देखना चाहता हूँ
अपने नन्हें कदमों से वहाँ तक जाना चाहता हूँ
जहाँ 'मैं' स्तब्ध होता है
दिशाएं मौन होती हैं
अपना साया भी पीछे रह जाता है
वहाँ उस सन्नाटे में अपनी हथेली बढ़ाना चाहता हूँ
इस लम्बी यात्रा को वसुधैव कुटुम्बकम्
का विजयी मंत्र देना चाहता हूँ
मैं नन्हा गाँधी
पीछे आने वाली आहटों पर ध्यान लगाए
आज से अपनी यात्रा शुरू करता हूँ
तुम्हारी नजरें जहाँ- जहाँ जाती हैं
वहाँ वहाँ से तुम्हारा आह्वान करता हूँ
याद रखना मैं एक देश हूँ तुम्हारा
कोई पार्टी नहीं ...
Email : rasprabha@gmail.com
मैं नन्हा गाँधी
इस बार कोई सत्याग्रह नहीं करूँगा
अपनी पदयात्रा भी अकेले करूँगा
परायों से युद्ध जटिल होकर भी आसान था
पर अपने घर में ...
बाल सुलभ हठ हर उम्र में एक सुख देता है
पर जब अपने षडय़ंत्र करते हैं
एक दूजे को नीचा दिखाने का
हर संभव प्रयास करते हैं
तो भूख यूँ ही मर जाती है ...
फिर कैसा अनशन
और किससे क्या पाना।
जो मद के गुमां में होते हैं
उनके लिए तो प्रेम ही वर्जित है ...
न घर न देश .... सिर्फ मैं
तो इस मैं का हश्र मैं देखना चाहता हूँ
अपने नन्हें कदमों से वहाँ तक जाना चाहता हूँ
जहाँ 'मैं' स्तब्ध होता है
दिशाएं मौन होती हैं
अपना साया भी पीछे रह जाता है
वहाँ उस सन्नाटे में अपनी हथेली बढ़ाना चाहता हूँ
इस लम्बी यात्रा को वसुधैव कुटुम्बकम्
का विजयी मंत्र देना चाहता हूँ
मैं नन्हा गाँधी
पीछे आने वाली आहटों पर ध्यान लगाए
आज से अपनी यात्रा शुरू करता हूँ
तुम्हारी नजरें जहाँ- जहाँ जाती हैं
वहाँ वहाँ से तुम्हारा आह्वान करता हूँ
याद रखना मैं एक देश हूँ तुम्हारा
कोई पार्टी नहीं ...
Email : rasprabha@gmail.com
kaash ham sabko bhi yaad rahta ki ham desh hain, party ya koi jaati ke nahi...
ReplyDeletebahut hi prerak rachna hai...
badhiya kavita..
ReplyDeleteबेहतर.. बधाई..
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