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Dec 2, 2025

उदंती.com, दिसम्बर - 2025

वर्ष - 18, अंक - 5

कुछ भी नया करने में संकोच मत करो, ये मत सोचो हार होगी। 

हार तो कभी नहीं होती, या तो जीत मिलेगी या फिर सीख। 

- एपीजे अब्दुल कलाम

 . अनकहीः AI के नए दौर में आज के युवा - डॉ. रत्ना वर्मा

. आलेखः बस्तर में अंतिम साँसे गिनता नक्सलवाद - प्रमोद भार्गव 

. प्रेरकः डगलस बेडर से मिलिए लोग फेल क्यों होते हैं ?

. पर्यावरणः क्या हम समय रहते हिमालय को बचा पाएँगे? - कविता भारद्वाज

. विज्ञानः डीएनए संरचना के सूत्रधार वॉटसन नहीं रहे 

. शौर्य गाथाः श्यामल देव गोस्वामी जिसने मौत को दी दो बार मात  - हरी राम यादव

. श्रद्धा सुमनः पद्मश्री ऐड गुरु पीयूष पांडे - छोड़ गए सबकी जुबान पर...- सपना सी.पी. साहू 'स्वप्निल'

. कविताः टूट रही है डोर - कृष्णा वर्मा

. जीवन- दर्शनः न दु:ख शाश्वत है, न सुख, दुःख जाएगा, तभी आएगा सुख - डॉ. महेश परिमल

. आलेखः देश का आभूषण है संस्कृति - शीला मिश्रा

. यादेंः  रेलवे स्टेशन - प्रशान्त

. कविताः एक प्रतिशत - डॉ. शैलजा सक्सेना

. पंजाबी कहानीः सुर्ख शालू - बलदेव सिंह ग्रेवाल, अनुवाद : सुभाष नीरव

. लघुकथाः पेट दर्द  - प्रभुदयाल श्रीवास्तव 

. लघुकथाः खूशबू  - सुदर्शन रत्नाकर

. आँखों देखा हालः भारत और अमेरिका के कुत्ते  - डॉ. हरि जोशी , लॉस एंजेलिस से

. कविताः सरकार - सपन अग्रवाल

. अतीत के पन्ने सेः विस्थापन के दौर की बिखरती यादें - देवी नागरानी

. मनोविज्ञानः बच्चों का हास-परिहास और विकास

. पिछले दिनोंः रायबरेली में- कला, शब्द और चेतना का संगम  - कुसुम लता सिंह

. बाल-चौपाइयाँः 1. मिट्ठू प्यारे, 2. चिंटू का सपना  - सुशीला 'शील' स्वयंसिद्धा

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