tag:blogger.com,1999:blog-4535413749264243925.post8433189544287911624..comments2024-03-19T18:52:57.849+05:30Comments on उदंती.com: जाऊँ पिया के देस ओ रसिया मैं सजधज के...udanti.comhttp://www.blogger.com/profile/16786341756206517615noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-4535413749264243925.post-66350671383225742832011-05-09T13:37:32.599+05:302011-05-09T13:37:32.599+05:30जाऊँ पिया के देस-- संस्मरण ने पुरानी यादें ताज़ा क...जाऊँ पिया के देस-- संस्मरण ने पुरानी यादें ताज़ा कर दीं। 1965 में हमारे गाँव में रडियो आया था । चौपाल में सब चुपचाप होकर सुनते थे । देहाती कार्यक्रम में जब कार्यक्रम के प्रस्तोता राम-राम कहते थे तो श्री अमोलक सिंह ( जिनका रेडियो था) बड़ी ज़ोर से-"राम-राम भाई राम-राम"-कहते थे ।एक बार किसी ने पूछ लिया कि ताऊ रेडियो कितने बैण्ड की है? उनका उत्तर आज तक मन ही मन मुस्काने को मज़बूर करता है-" अरै भाई इसमैं तो बहर भित्तर बैण्ड ही बैण्ड हैं।"सहज साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.com