tag:blogger.com,1999:blog-4535413749264243925.post7934630953362989343..comments2024-03-19T18:52:57.849+05:30Comments on उदंती.com: उनके बाल छू लेने की ख्वाहिश मेरे दिल में ही रह गई ...udanti.comhttp://www.blogger.com/profile/16786341756206517615noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-4535413749264243925.post-74047510602943425102011-07-22T18:11:41.775+05:302011-07-22T18:11:41.775+05:30ek pyari si smile iss post ke liye.....:)ek pyari si smile iss post ke liye.....:)मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4535413749264243925.post-34920898566229707882011-06-03T14:27:03.938+05:302011-06-03T14:27:03.938+05:30पढ़ कर मन प्रफुल्लित हो उठा
प्रभात की प्रभा
सिता...पढ़ कर मन प्रफुल्लित हो उठा<br /><br />प्रभात की प्रभा <br />सितारों की आभा <br />दीप्तिमान कर रही हर राह <br />करून शत शत नमन, हर पल यही चाह <br /><br />आपके लिए रश्मि जीBeyond wordshttps://www.blogger.com/profile/14931213229153273657noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4535413749264243925.post-19764238308105489322011-06-02T15:41:18.336+05:302011-06-02T15:41:18.336+05:30सौभाग्य सा ना ... पारस ने आपको स्पर्श किया और आप द...सौभाग्य सा ना ... पारस ने आपको स्पर्श किया और आप दमक उठी ..आपने इतनी बड़ी हस्ती को करीब से देखा जाना ...sonalhttps://www.blogger.com/profile/03825288197884855464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4535413749264243925.post-90171795391193970492011-06-02T13:46:01.940+05:302011-06-02T13:46:01.940+05:30आपकी यह लेख पढते पढते मैं खुदको इर्शान्वित महसूस क...आपकी यह लेख पढते पढते मैं खुदको इर्शान्वित महसूस कर रहा हूँ ... आप कितनी खुशकिस्मत हैं कि आपको ऐसे महान व्यक्तित्व का छाँव मिला ... और खुशी भी है कि मुझे आपका छांव (ब्लॉग के ज़रिये ही सही) मिल रहा है :)<br />और कविता पर कुछ भी कहना धृष्टता होगी ... बस पढ़ रहा हूँ और सीखने की कोशिश कर रहा हूँ ...Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4535413749264243925.post-34184669027000179412011-06-02T13:23:54.073+05:302011-06-02T13:23:54.073+05:30आपके बपचन की यादों के साये में गुजरा यह पल पढ़कर आ...आपके बपचन की यादों के साये में गुजरा यह पल पढ़कर आज भी वही सजीवता लिये हुये है...उन्होंने आपका नाम ही रखा बल्कि नाम के साथ-साथ वही सहजता और लेखन की विशेषता भी आपके नाम कर दी जिसे आपकी लेखनी सार्थक कर रही है ...इस प्रस्तुति के लिये आभार के साथ बधाई भी ...।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.com