tag:blogger.com,1999:blog-4535413749264243925.post2265693662319968822..comments2024-03-19T18:52:57.849+05:30Comments on उदंती.com: उदंती.com, सितम्बर 2009udanti.comhttp://www.blogger.com/profile/16786341756206517615noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4535413749264243925.post-32564471498403789662009-10-15T11:55:15.149+05:302009-10-15T11:55:15.149+05:30'उदंती' के माध्यम से चेखक की छोटी कहानी &...'उदंती' के माध्यम से चेखक की छोटी कहानी 'गिरगिट' पढ़ने को मिल गई. पञिका में सामग्री के चयन को लेकर पर्याप्त सतर्कता भी नजर आती है. सुजाता साहा का लेख 'बेटी पुकारने में झिझक क्यों' आवश्यकता से अधिक छोटा है. विष्ाय पर और गंभीरता से भी लिखा जा सकता था. बहरहाल कुशल संपादित अंक के लिए मेरी बधाई स्वीकारें...<br />दीप पर्व की अनेक शुभकामनाओं के साथ.<br />-प्रदीप जिलवाने, खरगोन म.प्र.प्रदीप जिलवानेhttps://www.blogger.com/profile/08193021432011337278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4535413749264243925.post-23323487953568685212009-09-25T20:25:36.469+05:302009-09-25T20:25:36.469+05:30डॉ रत्ना जी, उदंती डॉट काम पर इतनी दमदार सामग्री क...डॉ रत्ना जी, उदंती डॉट काम पर इतनी दमदार सामग्री का इतने सुन्दर ढ़ंग स आपका समायोजन निश्चित ही पाठकों पर अपना प्रभाव छोड़ता है। रचनाओं का चयन पत्रिका के स्तर के अनुरूप होता है, यह एक बड़ी बात है। आपकी लगन और आपका श्रम निरर्थक नहीं जाएगा, मुझे पूरा विश्वास है।<br />-सुभाष नीरव<br />www.kathapunjab.blogspot.com<br />www.setusahitya.blogspot.com<br />www.srijanyatra.blogspot.comसुभाष नीरवhttps://www.blogger.com/profile/03126575478140833321noreply@blogger.com