tag:blogger.com,1999:blog-4535413749264243925.post1464673922507712322..comments2024-03-19T18:52:57.849+05:30Comments on उदंती.com: दो कविताएँ udanti.comhttp://www.blogger.com/profile/16786341756206517615noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-4535413749264243925.post-22246529834296400432020-10-17T12:41:00.041+05:302020-10-17T12:41:00.041+05:30आपके प्रोत्सान भरे सुंदर शब्दों के लिए आभार आदरणीय...आपके प्रोत्सान भरे सुंदर शब्दों के लिए आभार आदरणीय जोशी जी!प्रीति अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/05992941416009106980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4535413749264243925.post-6816167946577854512020-10-16T22:31:43.329+05:302020-10-16T22:31:43.329+05:30सविता जी आपका स्नेह सदा ही सुखमय, हार्दिक धन्यवाद!...सविता जी आपका स्नेह सदा ही सुखमय, हार्दिक धन्यवाद!!प्रीति अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/05992941416009106980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4535413749264243925.post-43960958114374737582020-10-16T22:30:51.795+05:302020-10-16T22:30:51.795+05:30जी आपका हृदय तल से आभार!!जी आपका हृदय तल से आभार!!प्रीति अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/05992941416009106980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4535413749264243925.post-82969739017044339612020-10-16T22:30:05.540+05:302020-10-16T22:30:05.540+05:30अपराजिता जी आपकी सराहना के लिए हार्दिक धन्यवाद!अपराजिता जी आपकी सराहना के लिए हार्दिक धन्यवाद!प्रीति अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/05992941416009106980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4535413749264243925.post-41102650502955886142020-10-14T13:38:33.691+05:302020-10-14T13:38:33.691+05:30यायावरी अंतस की सुंदर बानगीयायावरी अंतस की सुंदर बानगीविजय जोशीhttps://www.blogger.com/profile/12404983250204309547noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4535413749264243925.post-62102878975985185892020-10-14T06:38:33.137+05:302020-10-14T06:38:33.137+05:30प्रीति आपकी दोनों ही कवितायें प्रवास की व्यथा का व...प्रीति आपकी दोनों ही कवितायें प्रवास की व्यथा का वर्णन करती हैं सुन्दर भाव | हार्दिक बधाई |सविता अग्रवाल 'सवि'https://www.blogger.com/profile/18325250763724822338noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4535413749264243925.post-34842233434799866052020-10-14T01:00:36.413+05:302020-10-14T01:00:36.413+05:30This is beautiful!This is beautiful!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04806660606971829723noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4535413749264243925.post-14434287078947421712020-10-13T12:28:12.256+05:302020-10-13T12:28:12.256+05:30सुंदर कविता सुंदर कविता aprajitahttps://www.blogger.com/profile/09228181174742442241noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4535413749264243925.post-60118159197442080422020-10-13T11:23:28.213+05:302020-10-13T11:23:28.213+05:30आदरणीय आपने अपना बहुमूल्य समय लगाकर इतनी सुंदर और ...आदरणीय आपने अपना बहुमूल्य समय लगाकर इतनी सुंदर और विस्तृत टिप्पणी दी, आपको हार्दिक नमन एवम आभार!!प्रीति अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/05992941416009106980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4535413749264243925.post-30746152337518847042020-10-08T12:23:33.850+05:302020-10-08T12:23:33.850+05:30मनुष्य के स्वप्न,उसकी महत्त्वाकांक्षाएँ उसे स्वजनो...मनुष्य के स्वप्न,उसकी महत्त्वाकांक्षाएँ उसे स्वजनों से दूर ले जाती हैं,एक अंधी दौड़ में भागता हुआ मनुष्य जब थकता है तब उसकी भावाकुलता उसे व्यथित करती है,उसे स्वजनों की स्मृतियाँ व्यथित करती हैं,इसी भाव को प्रीति अग्रवाल ने बहुत सहज रूप में दोनो कविताओं में व्यक्त किया है।जिद्दी में जहाँ व्यथा है,मील का पत्थर में एक सकारात्मक संदेश है कि हर क्षण भागभाग करने वाले को अंत मे पश्चाताप ही मिलता है।सार्थक कविताओं हेतु बधाई प्रीति जी।शिवजी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/11658195805454614870noreply@blogger.com