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May 3, 2021

उदंती.com, मई- 2021

वर्ष- 13, अंक- 9

जो व्यक्ति मानवता की सेवा नहीं कर सकता,  

वह ईश्वर की भी आराधना करने के लायक नहीं।

इस अंक में

अनकहीः मैं अभी हारा नहीं हूँ... -डॉ. रत्ना वर्मा

श्रद्धांजलिः मैं तो स्वयं ही अपने आपको नहीं जानता  -नरेन्द्र कोहली

व्यंग्यः लोकार्पण  -नरेन्द्र कोहली

श्रद्धांजलिः सुनीलजी हमारे दिलों में सदा रहेंगे -डॉ. जेन्नी शबनम

श्रद्धांजलिः  दो ग़ज़लें - कुँअर बेचैन

आलेखः सुख-दुःख में समभाव -अगरचन्द नाहटा 

आलेखः जीवन अनमोल है -डॉ. पद्मजा शर्मा

ग़ज़लः वक़्त है बेरहम -प्रीति उम्मीद

कविताः सूरज ले आएँ -रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’

संस्मरणः चलती ट्रक पर नाटिका का मंचन -संदीप राशिनकर

कोरोनाः लॉकडाउन की कीमत -सोमेश केलकर

हानीः सुबह की चाय -गोविन्द उपाध्याय

लघुकथाएँ -1. गुलाब वाला कप, २. भिखारी - श्याम सुन्दर अग्रवाल

लघुकथाः उम्मीद की डोर -माधुरी महलवाला

किताबें - बहु आयामों वाली कथाओं से सुसज्जित -नमिता सुंदर

कविताः हथेलियों की रेखाएँ -डॉ संजय अवस्थी

चार बाल कविताः तुम कहते हो बच्चा है -चक्रधर शुक्ल

जीवन दर्शनः एक तुलना तटस्थ और तत्पर की -विजय जोशी

प्रेरकः मैं हर दिन कैसे प्रेरित रह सकता हूँ? -निशांत