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May 15, 2018

उदंती.com मई 2018

उदंती.com  मई 2018
राह बनाने वाले तो, राह बनाकर ही रहते।
सच्चे मन से दुनिया को, सदा जगाकर ही रहते।
चाहे उनको बंजर दो, जंगल या वीराना दो।
जिनमें दम वे सभी जगह, फूल खिलाकर ही रहते।
                -रामेश्वर काम्बोज हिमांशु

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